1 उस दिन दाऊद के घराने और यरूशलम के बाशिंदों के लिए चश्मा खोला जाएगा जिसके ज़रीए वह अपने गुनाहों और नापाकी को दूर कर सकेंगे।”
2 रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “उस दिन मैं तमाम बुतों को मुल्क में से मिटा दूँगा। उनका नामो-निशान तक नहीं रहेगा, और वह किसी को याद नहीं रहेंगे।
7 रब्बुल-अफ़वाज फ़रमाता है, “ऐ तलवार, जाग उठ! मेरे गल्लाबान पर हमला कर, उस पर जो मेरे क़रीब है। गल्लाबान को मार डाल ताकि भेड़-बकरियाँ तित्तर-बित्तर हो जाएँ। मैं ख़ुद अपने हाथ को छोटों के ख़िलाफ़ उठाऊँगा।” 8 रब फ़रमाता है, “पूरे मुल्क में लोगों के तीन हिस्सों में से दो हिस्सों को मिटाया जाएगा। दो हिस्से हलाक हो जाएंगे और सिर्फ़ एक ही हिस्सा बचा रहेगा। 9 इस बचे हुए हिस्से को मैं आग में डालकर चाँदी या सोने की तरह पाक-साफ़ करूँगा। तब वह मेरा नाम पुकारेंगे, और मैं उनकी सुनूँगा। मैं कहूँगा, ‘यह मेरी क़ौम है,’ और वह कहेंगे, ‘रब हमारा ख़ुदा है’।”
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