29
 1 ऐ फ़रिश्तों की जमा'त ख़ुदावन्द की, 
ख़ुदावन्द ही की तम्जीद — ओ — ता'ज़ीम करो। 
 2 ख़ुदावन्द की ऐसी तम्जीद करो, जो उसके नाम के शायाँ है। 
पाक आराइश के साथ ख़ुदावन्द को सिज्दा करो। 
 3 ख़ुदावन्द की आवाज़ बादलों पर है; 
ख़ुदा — ए — जुलजलाल गरजता है, 
ख़ुदावन्द पानी से भरे बादलों पर है। 
 4 ख़ुदावन्द की आवाज़ में क़ुदरत है; 
ख़ुदावन्द की आवाज़ में जलाल है। 
 5 ख़ुदावन्द की आवाज़ देवदारों को तोड़ डालती है; 
बल्कि ख़ुदावन्द लुबनान के देवदारों को टुकड़े टुकड़े कर देता है। 
 6 वह उनको बछड़े की तरह, 
लुबनान और सिरयून को जंगली बछड़े की तरह कुदाता है। 
 7 ख़ुदावन्द की आवाज़ आग के शो'लों को चीरती है। 
 8 ख़ुदावन्द की आवाज़ वीरान को हिला देती है; 
ख़ुदावन्द क़ादिस के वीरान को हिला डालता है। 
 9 ख़ुदावन्द की आवाज़ से हिरनीयों के हमल गिर जाते हैं; 
और वह जंगलों को बेबर्ग कर देती है; 
उसकी हैकल में हर एक जलाल ही जलाल पुकारता है। 
 10 ख़ुदावन्द तूफ़ान के वक़्त तख़्तनशीन था; 
बल्कि ख़ुदावन्द हमेशा तक तख़्तनशीन है। 
 11 ख़ुदावन्द अपनी उम्मत को ज़ोर बख़्शेगा; 
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