13 'अगर कोई मर्द किसी 'औरत को ब्याहे और उसके पास जाए, और बाद उसके उससे नफ़रत करके, 14 शर्मनाक बातें उसके हक़ में कहे और उसे बदनाम करने के लिए यह दा'वा करे कि 'मैंने इस 'औरत से ब्याह किया, और जब मैं उसके पास गया तो मैंने कुँवारेपन के निशान उसमें नहीं पाए। 15 तब उस लड़की का बाप और उसकी माँ उस लड़की के कुँवारेपन के निशानों को उस शहर के फाटक पर बुज़ुर्गों के पास ले जाएँ, 16 और उस लड़की का बाप बुज़ुर्गों से कहे कि 'मैंने अपनी बेटी इस शख़्स को ब्याह दी, लेकिन यह उससे नफ़रत रखता है; 17 और शर्मनाक बातें उसके हक़ में कहता है, और यह दा'वा करता है कि मैंने तेरी बेटी में कुँवारेपन के निशान नहीं पाए; हालाँकि मेरी बेटी के कुँवारेपन के निशान यह मौजूद हैं। फिर वह उस चादर को शहर के बुज़ुर्गों के आगे फैला दें। 18 तब शहर के बुज़ुर्ग उस शख़्स को पकड़ कर उसे कोड़े लगाएँ, 19 और उससे चाँदी के सौ मिस्क़ाल जुर्माना लेकर उस लड़की के बाप को दें, इसलिए कि उसने एक इस्राईली कुँवारी को बदनाम किया; और वह उसकी बीवी बनी रहे और वह ज़िन्दगी भर उसको तलाक़ न देने पाए। 20 लेकिन अगर यह बात सच हो कि लड़की में कुँवारेपन के निशान नहीं पाए गए, 21 तो वह उस लड़की को[b] उसके बाप के घर के दरवाज़े पर निकाल लाएँ, और उसके शहर के लोग उसे संगसार करें कि वह मर जाए; क्यूँकि उसने इस्राईल के बीच शरारत की, कि अपने बाप के घर में फ़ाहिशापन किया। यूँ तू ऐसी बुराई को अपने बीच से दफ़ा' करना। 22 अगर कोई मर्द किसी शौहर वाली 'औरत से ज़िना करते पकड़ा जाए तो वह दोनों मार डाले जाएँ, या'नी वह मर्द भी जिसने उस 'औरत से सुहबत की और वह 'औरत भी; यूँ तू इस्राईल में से ऐसी बुराई को दफ़ा' करना। 23 अगर कोई कुंवारी लड़की किसी शख़्स से मन्सूब हो गई हो, और कोई दूसरा आदमी उसे शहर में पाकर उससे सुहबत करे; 24 तो तू उन दोनों को उस शहर के फाटक पर निकाल लाना, और उनको तू संगसार कर देना कि वह मर जाएँ, लड़की को इसलिए कि वह शहर में होते हुए न चिल्लाई, और मर्द को इसलिए कि उसने अपने पड़ोसी की बीवी को बेहुरमत किया। यूँ तू ऐसी बुराई को अपने बीच से दफ़ा' करना। 25 लेकिन अगर उस आदमी को वही लड़की जिसकी निस्बत हो चुकी हो किसी मैदान या खेत में मिल जाए, और वह आदमी जबरन उससे सुहबत करे, तो सिर्फ़ वह आदमी ही जिसने सुहबत की मार डाला जाए: 26 लेकिन उस लड़की से कुछ न करना क्यूँकि लड़की का ऐसा गुनाह नहीं जिससे वह क़त्ल के लायक ठहरे, इसलिए कि यह बात ऐसी है जैसे कोई अपने पड़ोसी पर हमला करे और उसे मार डाले। 27 क्यूँकि वह लड़की उसे मैदान में मिली और वह मन्सूबा लड़की चिल्लाई भी लेकिन वहाँ कोई ऐसा न था जो उसे छुड़ाता। 28 अगर किसी आदमी को कोई कुँवारी लड़की मिल जाए जिसकी निस्बत न हुई हो, और वह उसे पकड़कर उससे सुहबत करे और दोनों पकड़े जाएँ, 29 तो वह मर्द जिसने उससे सुहबत की हो, लड़की के बाप को चाँदी के पचास मिस्क़ाल दे और वह लड़की उसकी बीवी बने; क्यूँकि उसने उसे बेहुरमत किया, और वह उसे अपनी जिन्दगी भर तलाक़ न देने पाए। 30 कोई शख़्स[c] अपने बाप की बीवी से [d]ब्याह न करे और अपने बाप के दामन को न खोले।
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