5 सच्चायी ख बारे म जो व्यवस्था सी मिल्यो हय, ओको वर्नन मूसा यो तरह करय हय। जो कोयी व्यवस्था की आज्ञा मानय हय ऊ जीन्दो रहेंन 6 पर जो सच्चायी विश्वास सी हय, ओको बारे शास्त्र यो कह्य हय, “तय अपनो मन म यो मत कहजो कि स्वर्ग पर कौन चढ़ेंन?” मतलब मसीह ख उतार लावन लायी! 7 यां “अधोलोक म कौन उतरेंन?” मतलब मसीह ख मरयो हुयो म सी जीन्दो कर क् ऊपर लावन को लायी! 8 पर यो का कह्य हय? “परमेश्वर को वचन तुम्हरो जवर हय, तोरो मुंह म अऊर तोरो मन म हय,” यो उच विश्वास को वचन आय, जो हम प्रचार करजे हंय, 9 कि यदि तय अपनो मुंह सी यीशु ख प्रभु जान क अंगीकार करे, अऊर अपनो मन सी विश्वास करे कि परमेश्वर न ओख मरयो हुयो म सी जीन्दो करयो, त तय पक्को उद्धार पायजो। 10 कहालीकि सच्चायी को लायी मन सी विश्वास करन सी हम परमेश्वर को संग सही सम्बन्ध म आवय हय; अऊर मुंह सी कबूल करन सी मुक्ति पावय हय। 11 कहालीकि पवित्र शास्त्र यो कह्य हय, “जो कोयी ओको पर विश्वास करेंन ऊ लज्जित नहीं होयेंन।” 12 यहूदियों अऊर गैरयहूदियों म कुछ अन्तर नहाय, येकोलायी कि अऊर ऊ परमेश्वर सब को प्रभु आय अऊर अपनो सब ख बहुतायत सी आशिषित करय हय जो ओको पुकारयो हय। 13 कहालीकि शास्त्र कह्य हय, “जो कोयी प्रभु को मदत को लायी पुकारयो हय ऊ बचायो जायेंन।”
14 फिर जेको पर उन्न विश्वास नहीं करयो, हि ओको कसो पुकारेंन? अऊर जेको बारे म सुन्यो नहीं ओको पर कसो विश्वास करे? अऊर प्रचारक को बिना कसो सुनेंन? 15 [a]अऊर यदि सन्देश सुनन वालो न भेज्यो नहीं जाये, त कसो प्रचार करेंन? जसो शास्त्र म लिख्यो हय, “उन्को पाय का सुहावनो हंय, जो सुसमाचार ख लावय हय, जो अच्छी बातों को सुसमाचार सुनावय हंय!” 16 [b]पर सब न ऊ सुसमाचार पर कान नहीं लगायो: यशायाह कह्य हय, “हे प्रभु, कौन न हमरो सुसमाचार पर विश्वास करयो हय?” 17 अब भी सन्देश ख सुनन सी विश्वास उपजय हय अऊर सन्देश तब सुन्यो जावय हय जब कोयी मसीह को वचन सुन्यो होवय हय।
18 पर मय कहू हय, का उन्न नहीं सुन्यो? सुन्यो त जरूर हय; कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय,