1 जब सब्त का दिन बीत गया, तो मरियम मगदलीनी, और याकूब की माता मरियम, और सलोमी ने सुगन्धित वस्तुएँ मोल लीं, कि आकर उस पर मलें। 2 सप्ताह के पहले दिन बड़े भोर, जब सूरज निकला ही था, वे कब्र पर आईं, 3 और आपस में कहती थीं, “हमारे लिये कब्र के द्वार पर से पत्थर कौन लुढ़काएगा?” 4 जब उन्होंने आँख उठाई, तो देखा कि पत्थर लुढ़का हुआ है! वह बहुत ही बड़ा था। 5 और कब्र के भीतर जाकर, उन्होंने एक जवान को श्वेत वस्त्र पहने हुए दाहिनी ओर बैठे देखा, और बहुत चकित हुई। 6 उसने उनसे कहा, “चकित मत हो, तुम यीशु नासरी को, जो क्रूस पर चढ़ाया गया था, ढूँढ़ती हो। वह जी उठा है, यहाँ नहीं है; देखो, यही वह स्थान है, जहाँ उन्होंने उसे रखा था। 7 परन्तु तुम जाओ, और उसके चेलों और पतरस से कहो, कि वह तुम से पहले गलील को जाएगा; जैसा उसने तुम से कहा था, तुम वहीं उसे देखोगे।” 8 और वे निकलकर कब्र से भाग गईं; क्योंकि कँपकँपी और घबराहट उन पर छा गई थी। और उन्होंने किसी से कुछ न कहा, क्योंकि डरती थीं।
9 सप्ताह के पहले दिन भोर होते ही वह जी उठकर पहले-पहल मरियम मगदलीनी को जिसमें से उसने सात दुष्टात्माएँ निकाली थीं, दिखाई दिया। 10 उसने जाकर उसके साथियों को जो शोक में डूबे हुए थे और रो रहे थे, समाचार दिया। 11 और उन्होंने यह सुनकर कि वह जीवित है और उसने उसे देखा है, विश्वास नहीं किया।
12 इसके बाद वह दूसरे रूप में उनमें से दो को जब वे गाँव की ओर जा रहे थे, दिखाई दिया। 13 उन्होंने भी जाकर औरों को समाचार दिया, परन्तु उन्होंने उनका भी विश्वास न किया।
14 पीछे वह उन ग्यारह चेलों को भी, जब वे भोजन करने बैठे थे दिखाई दिया, और उनके अविश्वास और मन की कठोरता पर उलाहना दिया, क्योंकि जिन्होंने उसके जी उठने के बाद उसे देखा था, इन्होंने उसका विश्वास न किया था। 15 और उसने उनसे कहा,
19 तब प्रभु यीशु उनसे बातें करने के बाद स्वर्ग पर उठा लिया गया, और परमेश्वर की दाहिनी ओर बैठ गया। (1 पत. 3:22) 20 और उन्होंने निकलकर हर जगह प्रचार किया, और प्रभु उनके साथ काम करता रहा और उन चिन्हों के द्वारा जो साथ-साथ होते थे, वचन को दृढ़ करता रहा। आमीन।
-
a 16:16 जो विश्वास करे: जो उसे सत्य मानता है और ऐसा व्यवहार करता है कि वो सत्य ही है।