1 तब उस समय पवित्र आत्मा यीशु को एकांत में ले गया ताकि शैतान से उसकी परीक्षा हो।[a] 2 वह चालीस दिन, और चालीस रात, निराहार रहा, तब उसे भूख लगी। (निर्ग. 34:28) 3 तब परखनेवाले ने पास आकर उससे कहा, “यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो कह दे, कि ये पत्थर रोटियाँ बन जाएँ।” 4 यीशु ने उत्तर दिया,
5 तब शैतान उसे पवित्र नगर में ले गया और मन्दिर के कंगूरे पर खड़ा किया। (लूका 4:9) 6 और उससे कहा, “यदि तू परमेश्वर का पुत्र है, तो अपने आपको नीचे गिरा दे; क्योंकि लिखा है, ‘वह तेरे विषय में अपने स्वर्गदूतों को आज्ञा देगा, और वे तुझे हाथों हाथ उठा लेंगे; कहीं ऐसा न हो कि तेरे पाँवों में पत्थर से ठेस लगे[b]।’ ” (भज. 91:11,12) 7 यीशु ने उससे कहा,
8 फिर शैतान उसे एक बहुत ऊँचे पहाड़ पर ले गया और सारे जगत के राज्य और उसका वैभव दिखाकर 9 उससे कहा, “यदि तू गिरकर मुझे प्रणाम करे, तो मैं यह सब कुछ तुझे दे दूँगा[c]।” 10 तब यीशु ने उससे कहा,
11 तब शैतान उसके पास से चला गया, और स्वर्गदूत आकर उसकी सेवा करने लगे।
12 जब उसने यह सुना कि यूहन्ना पकड़वा दिया गया, तो वह गलील को चला गया। 13 और नासरत को छोड़कर कफरनहूम में जो झील के किनारे जबूलून और नप्ताली के क्षेत्र में है जाकर रहने लगा। 14 ताकि जो यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो।
17 उस समय से यीशु ने प्रचार करना और यह कहना आरम्भ किया,
18 उसने गलील की झील के किनारे फिरते हुए दो भाइयों अर्थात् शमौन को जो पतरस कहलाता है, और उसके भाई अन्द्रियास को झील में जाल डालते देखा; क्योंकि वे मछुए थे। 19 और उनसे कहा,
21 और वहाँ से आगे बढ़कर, उसने और दो भाइयों अर्थात् जब्दी के पुत्र[d] याकूब और उसके भाई यूहन्ना को अपने पिता जब्दी के साथ नाव पर अपने जालों को सुधारते देखा; और उन्हें भी बुलाया। 22 वे तुरन्त नाव और अपने पिता को छोड़कर उसके पीछे हो लिए।
23 और यीशु सारे गलील में फिरता हुआ उनके आराधनालयों में उपदेश करता, और राज्य का सुसमाचार प्रचार करता, और लोगों की हर प्रकार की बीमारी और दुर्बलता को दूर करता रहा। 24 और सारे सीरिया देश में उसका यश फैल गया; और लोग सब बीमारों को, जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों और दुःखों में जकड़े हुए थे, और जिनमें दुष्टात्माएँ थीं और मिर्गीवालों और लकवे के रोगियों को उसके पास लाए और उसने उन्हें चंगा किया। 25 और गलील, दिकापुलिस[e], यरूशलेम, यहूदिया और यरदन के पार से भीड़ की भीड़ उसके पीछे हो ली।
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a 4:1: यीशु की परीक्षा लेने में शैतान की मंशा थी कि मसीह को विवश करके उससे पाप करवाए जिससे की वह उद्धारकर्ता के रूप में अयोग्य ठहरे और मनुष्य की मुक्ति, परमेश्वर की योजना में नाकाम हो जाए।
b 4:6: शैतान भी बाइबल का उदाहरण देता है, लेकिन गलत ढंग से जिसमें वह बाइबल अंश (इस सन्दर्भ में, भजन 91:11-12) छोड़ दिया क्योंकि वह यहाँ उपयुक्त नहीं था।
c 4:9 मैं यह सब कुछ तुझे दे दूँगा: शैतान, इस जगत का राजकुमार, अधिकार रखता था कि यीशु के सामने यह प्रस्ताव रखे। (यूह 12: 31)
d 4:21 जब्दी के पुत्र: यह यूहन्ना का भाई प्रेरित याकूब है, जो हेरोदेस अग्रिप्पा के हाथों शहीद हो गया था, (प्रेरि 12:2)
e 4:25 दिकापुलिस: गलील सागर के दक्षिण में दस शहरों का एक जिला था।