5 अर सिंहासन म्ह तै मन्नै एक आवाज सुणाई दी, के, हे म्हारे परमेसवर तै सारे डरण आळे दासों, के छोट्टे, के बड़े, थम सारे उसकी जै-जै कार करो। 6 फेर मन्नै बड्डी भीड़ का शोर सुणाई दिया, यो भोत घणे पाणी अर जबरदस्त गड़गड़ाहट बरगा शब्द था, हालेलूय्याह! प्रभु म्हारा परमेसवर, सर्वशक्तिमान राज्य करै सै। 7 आओ, हम खुश अर मग्न होवां, अर उसकी जै-जै कार करा, क्यूँके मेम्ने का ब्याह आण पोहोचा, अर उसकी बन्दड़ी नै अपणे-आप ताहीं त्यार कर लिया सै। 8 अर उस ताहीं शुद्ध अर चमकदार सुथरे मलमल नै पैहरण का हक दिया गया, क्यूँके उस सुथरे मलमल का मतलब पवित्र माणसां के धर्म के काम सै। 9 अर सुर्गदूत नै मेरै तै कह्या, न्यू लिख, के, धन्य वे सै, जो मेम्ने के ब्याह के भोज म्ह न्योंदे गये सै, फेर उसनै मेरै तै कह्या, ये परमेसवर की कही गई सच्ची बात सै। 10 अर मै उसनै पूज्जण कै खात्तर उसके पायां के म्ह पड़ग्या, उसनै मेरै तै कह्या, “देख, इसा मतना करै, मै तेरे अर तेरे भाईयाँ की तरियां ए दास सूं, जो यीशु की गवाही देण पै अटल सै, परमेसवर नै ए पूज, क्यूँके यीशु की गवाही भविष्यवाणी की आत्मा सै।”
11 फेर मन्नै सुर्ग ताहीं खुल्या होड़ देख्या, अर के देक्खूँ सूं, के एक धोळा घोड़ा सै, अर उसपै एक सवार सै, जो बिश्वास जोग्गा, अर सच्चा कुह्वावै सै, अर वो धर्म कै साथ न्याय अर लड़ाई करै सै। 12 उसकी आँख आग की लपट की तरियां थी, अर उसके सिर पै भोत-से मुकुट थे, अर उसके माथ्थै पै एक नाम लिख्या था, जिस ताहीं उसनै छोड़ और कोए न्ही जाणै था। 13 अर उसनै लहू म्ह ड्बोया होड़ बाणा पैहरे राख्या था, अर उसका नाम परमेसवर का वचन था। 14 अर सुर्ग की पलटन धोळे घोड्या पै चढ़कै अर धोळा अर शुद्ध मलमल के लत्ते पैहरे होड़ उसकै पाच्छै-पाच्छै चाल्लण लागरी थी। 15 अर हरेक देश के माणसां ताहीं मारण कै खात्तर, उसके मुँह तै एक पैन्ही तलवार लिकड़ै थी, अर वो लोहवै का राजदण्ड लिए होड़ उनपै राज करैगा, अर वो सर्वशक्तिमान परमेसवर के छो की जलन की मदिरा के कुण्ड म्ह अंगूरां नै रौंदैगा। 16 अर उसके लत्ते अर जाँघ पै यो नाम लिख्या था, राजयां का राजा अर प्रभुओं का प्रभु। 17 फेर मन्नै एक सुर्गदूत ताहीं सूरज पै खड्या देख्या, अर उसनै जोर तै रुक्का मारकै अकास म्ह उड़ण आळे सारे पंछियाँ तै कह्या, “आओ, परमेसवर के बड़े भोज कै खात्तर कठ्ठे हो जाओ। 18 ताके थम राजा, प्रधान, ताकतवर माणसां का, घोड्या का, उनके सवारां का, अर सारे ढाल के आजाद, गुलाम, छोट्टे, बड़े, सारे माणसां का माँस खा सको।”
19 फेर मन्नै उस पशु जो समुन्दर म्ह तै लिकड्या था, धरती के राजयां अर उनकी पलटन ताहीं उस धोळे घोड़े के सवार, अर उसकी पलटन तै लड़ण कै खात्तर कठ्ठे देख्या। 20 अर वो पशु अर उसके गेल्या वो झूठ्ठा नबी पकड्या गया, जिसनै उसकै स्याम्ही इसे चमत्कार दिखाए थे, जिनकै जरिये उसनै उन ताहीं भकाया, जिन नै उस पशु की छाप ली थी, अर जो उसकी मूर्ति की पूजा करै थे, ये दोन्नु जिन्दे जी उस आग की झील म्ह जो गन्धक तै जळै सै, गेरे गये। 21 बाक्की लोग उस घोड़े की तलवार तै, जो उसके मुँह तै लिकड़ै थी, मार दिए गये, अर सारे पंछी उनके माँस तै छिकगे।
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